Wednesday, 3 August 2016

For my country- India

वो रस्सी
आज भी संग्रहालय में है

जिससे गांधी
बकरी बांधा करते थे

किन्तु
वो रस्सी कहां है

जिस पे भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु हसते हुए झूले थे?

" हालात.ए.मुल्क देख के रोया न गया...

कोशिश तो कि पर मूंह ढक के सोया न गया".

देश मेरा
क्या बाजार हो गया है ...

पकड़ता हुँ तिरंगा
तो लोग पूछते है
कितने का है...

जाने कितने झूले थे
फाँसी पर
,कितनो ने गोली खाई थी....

क्यों
झूठ बोलते हो साहब,

कि चरखे से
आजादी आई थी....

इंकलाब जिंदाबाद।

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